(ब्यूरो रिपोर्ट पूनम)
मामूली सा दिखने वाला एक मुर्गा पंजाब पुलिस के लिए टेंशन बन गया है। दरअसल बठिंडा में मुर्गों की लड़ाई के कंपीटिशन की सूचना पर पुलिस ने छापा मारा था, जहां से मुर्गे को बरामद किया गया। मुश्किल ये हो गई किइ अब मुर्गा पुलिस वालों के लिए प्रॉपर्टी बन गया है। जिसके बाद पुलिस को उसे हर पेशी पर कोर्ट ले जाना होगा। सिर्फ इतना ही, उसे अपनी कस्टडी में सही तरीके से पालना भी होगा। खबरों की माने तो कंपीटिशन दो दिन पहले बठिंडा के गांव बल्लुआना में हो रहा था। पुलिस ने जब छापा मारा तो दर्शक और आयोजक मौके से फरार हो गए। लड़ाई के लिए लाए मुर्गे को पुलिस ने कस्टडी में ले लिया।
मुर्गे को पुलिस ने पीड़ित बनाया
क्योंकि सरकार ने पशु-पक्षियों की प्रतियोगिताओं पर पाबंदी लगा रखी है तो ऐसे में पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक मुर्गा इस केस में पीड़ित है। ऐसे टूर्नामेंट आयोजित करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पक्षियों और जानवरों के प्रति क्रूरता के आरोप में मामला दर्ज करने के आदेश हैं। इसी वजह से यह मामला भी एनिमल कुएलिटी का है। बठिंडा पुलिस ने 3 आरोपियों पर एनिमल कुएलिटी एक्ट का केस दर्ज किया है। जिसमें से राजविंदर को पकड़ा जा चुका है। हालांकि अब उसे जमानत मिल चुकी है। जगसीर सिंह और गुरजीत सिंह अभी फरार है। पुलिस ने मौके से इसी मुर्गे और 11 ट्राफियों को कब्जे में लिया था।
पुलिस ने मुर्गे को जानकार के पास रख छोड़ा
पुलिस ने फिलहाल इस मुर्गे को किसी जानकार के पास छोड़ा है। थाने में रखने से मुर्गा अकेला होता, इसलिए किसी मुर्गे पालने वाले को ही इसकी जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि मुर्गे को कोई नुकसान न हो, इसके लिए बीच- बीच में पुलिस वहां जाकर उसका हालचाल भी जान रही है। पुलिस के जांच अफसर निर्मलजीत सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि मुर्गे को पुलिस कस्टडी में पाला जा रहा है। केस चलने तक वह हमारी कस्टडी में ही रहेगा और अदालत की कार्रवाई के दौरान उसे कोर्ट में पेश भी किया जाएगा।