पंखिल वर्मा, ब्यूरो रिपोर्ट चंडीगढ़
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बाला द्वारा परवीन की अध्यक्षता में ए डी आर सैंटर, अम्बाला मे न्याय रक्षक , पैनल अधिवक्ताओं, अधिकार मित्र व मेडिएटर्स के लिए वर्कशाप का आयोजन किया गया। आज की मीटिंग में पैनल अधिवक्ता ज्योति कौशल जी ने कम्युनिटी के लोगों के बारे में बताया।
प्रवीन ने बताया लेस्बियन, गे, बायसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर लोगों को मिलाकर LGBTQ कम्युनिटी बनती है। जून के महीने को हम प्राइड मंथ के रूप में मनाते हैं और कई देशों में यह महीना LGBTQ कम्युनिटी के संघर्षों और जीत का जश्न मनाने का महीना होता है। लेकिन, फिर भी LGBTQ कम्युनिटी के साथ सोशल भेदभाव होता है। भेदभाव न सिर्फ समाज, परिवार के सदस्य या दोस्त बल्कि कभी-कभी हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स भी करते हैं। LGBTQ युवाओं में क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे यानी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं। यह भी देखा गया है कि गे (एमएसएम) और बायसेक्सुअल पुरुषों और ट्रांसजेंडर महिलाओं में भी एचआईवी एड्स होने को खतरा ज्यादा होता है।
लेस्बियन, ट्रांसजेंडर पुरुषों और बायसेक्सुअल में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा, इनमें एचपीवी इंफेक्शन और सर्वाइकल या एनल कैंसर के साथ-साथ ओरल कैंसर के होने का खतरा भी होता है।