(ब्यूरो रिपोर्ट पंखिल वर्मा)
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो… आज जिस शख्स के बॉडी बिल्डिर बनने की कहानी हम आपको बता रहें हैं ये कविता उनपर एकदम सटीक बैठती है।
फिल्मों को देखकर या फिटनेस रखने की चाहत में लोगों ने जिम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया है और वे लीन मसल्स की बॉडी बनाने में जुटे रहते हैं। आज जिस शख्स की कहानी हम आपको बताने वाले है किसी समय में लोगों ने उनके दुबले पतले शरीर का मजाक उड़ाया था लेकिन उसी शख्स ने बॉडी बनाकर अपने ट्रोलर्स को ही हैरान कर दिया। बात कर रहे हैं लुधियाना के प्रभप्रीत की जिन्होंने बॉडी बिल्डिंग में अपनी अलग ही पहचान बनाई है और उनकी पुरानी फोटो को देखकर आप अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे कि ये वही पहले वाला प्रभप्रीत है जिनका लोग कभी मजाक उड़ाया करते थे। आज के समय में युवा जहां वेट लूस करने कर बॉडी बनाने की चाहत रखते हैं तो वहीं ऐसे में प्रभप्रीत तो युवाओं को मसल्स गेन करने की ओर मोटिवेट कर रहे हैं।
बॉडी बिल्डिंग की अपनी जर्नी के बारे में प्रभप्रीत का कहना है कि सफर आसान नहीं था लेकिन इंसान अगर ठान तो फिर मंजिल को हासिल करना नामुमकिन नहीं है। साल 2012 में बॉडी बिल्डिंग के सफर की शुरूआत हुई और फिर किस तरीके से वे सफल हुए सुनिए उन्हीं की जुबानी।
प्रभप्रीत का यही मानना है कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने और उनकी उर्जा को सही जगह चैनलाइज करने के लिए वे बॉडी बिल्डिंग के लिए मोटिवेट करते हैं और इसके लिए वे युवाओं को पूरी तरह से सलाह देते हैं कि क्या खाना है, जिम में क्या वर्कआउट करना है और कितने घंटे करना है।
वैसे भी कहते हैं कि संघर्षों के समय ही इंसान की सही परख होती है कि वो टूटकर बिखर जाएगा या फिर हौसले के साथ निखर जाएगा। लुधियाना के प्रभप्रीत इसकी जीती जागती मिसाल हैं कि किस तरीके से उन्होंने जहां बॉडी बिल्डिंग को अपना कर ना सिर्फ अपने जिंदगी को बदला बल्कि वे तो दूसरे युवाओं को भी नशे के दलदल से निकाल कर सेहत और सफलता की एक नई राह पर ले जाने को अग्रसर हैं।