(ब्यूरो रिपोर्ट पंखिल वर्मा)
हरियाणा की अनाज मंडियों में जहां एक ओर बाजरे व धान की खरीद का काम शुरू हो चुका है, तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांढा ने खरीद की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं और उन्होंने हरियाणा की मनोहर सरकार को घेरा है। उनका ये कहना है कि खरीद की घोषणा होने के बावजूद आधे से ज्यादा मंडियों में खरीद नहीं हो पा रही है और इसके लिए अनुराग ढांढा ने सरकारी एंजेसियो पर सवाल खड़े किए हैं।
‘भाजपा का चुनावी जुमला बना एमएसपी’
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आरोप लगाते हुए आप नेता अनुराग ढांढा ने कहा कि फसल की 70 फीसदी क्वालिटी खराब बता कर किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है। जिन मंडियों में खरीद शुरूहुई है, वहां रेट एमएसपी से कम मिल रहा है। 2,200 रुपये की एमएसपी के मुकाबले निजी व्यापारी बाजरे की खरीद 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर कर रहे हैं। एमएसपी बीजेपी के लिए एक और चुनावी जुमला बन कर रह गया है।
बासमती चावल की खरीद में भी हेर फेर
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बासमती चावल की खरीद पर भी अनुराग ढांढा ने निशाना साधा और कहा कि निजी एजेंसियां बासमती चावल को 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही हैं। इस तरह बाजरा और बासमती चावल के रेट में भारी अंतर है,जिससे किसान परेशान हैं। उन्होंने मंडियों की व्यवस्था को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मंडियों की बदहाली के लिए मनोहर सरकार जिम्मेदार है। वहीं धान की फसल की कटाई के बाद पराली की व्यवस्था के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है।
2 thoughts on “क्या अनाज मंडियो में धोखे का शिकार हो रहे किसान, MSP से कम मिल रहे रेट?”