शासन और प्रशासन में जीरो टॉलरेंस नीति का दावा तो हरियाणा की सरकार बाखूबी करती है लेकिन सरकार के इसी शासन के बीच में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि जीरो टॉलरेंस नीति की साख को बट्टा लगाने का काम….
शासन और प्रशासन में जीरो टॉलरेंस नीति का दावा तो हरियाणा की सरकार बाखूबी करती है लेकिन सरकार के इसी शासन के बीच में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि जीरो टॉलरेंस नीति की साख को बट्टा लगाने का काम करते हैं। हर एक काम में अपनी धौंस जमाने की कोशिश करते हैं, फिर चाहे उसके लिए आम जनता को ही परेशान क्यों ना होना पड़े। ये बात हम यूं ही नहीं कर रहे। बल्कि अंबाला में हरियाणा सरकार के मनोनित पार्षद संदीप सचदेवा ने स्थानीय विधायक असीम गोयल पर आरोप लगाए हैं वो इसी बात की तस्दीक करती है कि सरकार के बीच ही कुछ विधायक ऐसे हैं कि जो कि तानाशाह रवैया रखते हैं।
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मनोनित पार्षद संदीप सचदेवा ने लगाए आरोप
पार्षद संदीप सचदेवा ने सीधे तौर पर असीम गोयल का नाम तो नहीं लिया लेकिन वामन द्वादशी मेले के आयोजन को लेकर जो सवाल खड़े किए वो सीधे असीम गोयल की ओर ही इशारा करते हैं। ये बात हम इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि अभी 10 दिन पहले की ही बात है जब अंबाला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पगड़ी पहनाने को लेकर विवाद सामने आया था और पार्षद संदीप सचदेवा विधायक असीम गोयल पर भड़के थे। तो वहीं अब वामन द्वादशी मेले के आयोजन को लेकर भी दोनो के बीच में विवाद छिड़ गया है।
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विधायक की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल
पार्षद संदीप सचदेवा ने विधायक की कार्यशैली पर तो सवाल खड़े किए ही साथ ही उन्होंने नगर निगम के काम में विधायक के दखल देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सभा ने एक व्यक्ति विशेष को खुश करने के लिए ना तो निगम की मेयर, ना डिप्टी मेयर और ना ही अन्य पार्षदों को मेले के आयोजन में सम्मानपूर्वक बुलाया।
संदीप सचदेवा ने विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस संस्था से हम काम ले रहे हैं उनकी मुखिया मेयर व पार्षदों को ना बुलाना अपने आप में दुखद है। मनोनित पार्षद संदीप सचदेवा ने तंज कसते हुए ये भी कहा कि संस्थाए हमेशा रहती है सरकारें और व्यक्ति बदलते रहते हैं। संस्थाओं को ये चाहिए कि वे सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ करें। भेदभाव की राजनीति से उपर उठें
2 thoughts on “तानाशाह हैं विधायक असीम गोयल? मेयर शक्ति रानी शर्मा और पार्षदों के प्रति अड़ियल है रवैया?”