(ब्यूरो रिपोर्ट पंखिल वर्मा)
जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने आखिकार मान ही लिया कि लोगों को खाटू श्याम दर्शनों के बहाने सीकर की रैली में शामिल किया गया था। बता दें कि 25 सितंबर को राजस्थान के सीकर में जो जेजेपी ने रैली की थी, उसमे लोगों की भीड़ को जुटाने के लिए दिग्जिवय चौटाला ने ये राजनीतिक पैंतरा आजमाया। दिग्विजय चौटाला ने साफ तौर पर कहा कि धर्म का काम अगर राजनीति के साथ ही हो जाए तो फिर क्या गलत है।
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बता दे कि जेजेपी नेता दिग्वियज चौटाला ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेस की, जहां पर पत्रकारों ने उनसे विवादित सीकर रैली को लेकर सवाल पूछ डाले तो वे अपनी करनी को सही ठहराते हुए यहां पर नजर आए। वे साफ तौर पर ये कहते रहे कि लोग जननायक चौधरी देवीलाल को भगवान की पूजते हैं और अगर हम लोगों से ये कहें कि रैली के लिए सीकर भी जाएंगे और सालासर भी जाएंगे तो फिर इसमें क्या बुराई है? अपनी ये बात कहने के दौरान दिग्विजय चौटाला काफी अक्रामक नजर आए और वे अपनी करनी को सही ठहराते हुए यहां पर नजर आए।
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आपको ये बता दें कि सीकर में हुई जेजेपी की रैली के बाद से ही लोगों ने ये आरोप लगाने शुरू कर दिए थे कि उनको जबरदस्ती रैली में शामिल किया गया था। खाटू श्याम व सालासर बालाजी के दर्शन करवाने के बहाने लोगों को जबरदस्ती सीकर की रैली में शामिल किया गया। तो वहीं इस तरह के लगातार लग रहे आरोपों के बाद से जेजेपी की ओर से दिग्विजय चौटाला ने चुप्पी तोड़ी और जवाब दिया।
उन्होने घुमा फिरा कर ये कह कि धर्म का काम अगर राजनीति के साथ ही हो जाए तो फिर क्या गलत है। लोगो को खाटू श्याम जी के दर्शन करवाने का सौभाग्य विरले ही लोगों को मिलता है और हमें ये सौभाग्य मिला। दिग्विजय चौटाला तो पत्रकारों से ही सवाल पूछते नजर आए कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो फिर इसमें भला क्या बुराई है।
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