(ब्यूरो रिपोर्ट पूनम)
दुनिया में बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने सपनों को पूरा करके दिखाते हैं। उन्हीं में से एक है 27 साल की एक लड़की, जिसने जज बनने का सपना देखा और उसे पूरा करके भी दिखाया। पंजाब के मोगा जिले की आज्ञापाल ने पंजाब ज्यूडिशयल के एग्जाम में बीसी कैटेगरी में 13वीं रैंक हासिल कर जज बनने के सपने की कदम बढ़ाया और मां बाप का सर गर्व से ऊंचा कर दिया।
अपने सपने के लिए फोकस थीं आज्ञापाल
अकसर ऐसा होता है कि ज्यूडिशियल की पढ़ाई के साथ साथ स्टूडेंटस प्लान बी को भी साथ लेकर चलते हैं। लेकिन आज्ञापाल के साथ ऐसा कुछ नहीं था। उन्होंने तो अपना फोकस सिर्फ जज बनने पर ही बनाया था। उनका तो यही मानना है कि अगर एक अटेम्पट में फेल हो जाती तब भी वे जज बनने के लिए खुद को एक और मौका देतीं और इसलिए कभी प्लान B के बारे में सोचा भी नहीं।
परिवार से मिली जज बनने की प्रेरणा
बता दें कि आज्ञापाल को जज बनने की प्रेरणा अपने परिजनों से ही मिली। उनकी माने तो मामी उनकी माने तो मामी अतिरिक्त जिला न्यायाधीश है, 2019 मे उनकी बहन की सिलेक्शन पंजाब ज्यूडिशियल के बैच में हुई थी। जिसके बाद से आज्ञापाल ने भी जज बनने का सपना देखा और इसे पूरा करने के लिए वो कोशिशों में जुट गई। जिस पर परिवार की तरफ से भरपूर साथ मिला।
कोचिंग के जरिए अपना सिलेबस किया कंपलीट
आज्ञापाल ने ज्यूडिशियल एग्जाम के लिए कोचिंग ज्वाइन किया। उनकी माने तो अनिल खन्ना एकेडमी से उन्होंने शुरूआत की और रोहित सर ने भी उनकी पढ़ाई में भरपूर मदद की। खासतौर पर एग्जाम के सिलेबस, सब्जेक्ट और टाइम मैनेजमेंट पर आज्ञापाल का पूरी तरह से फोकस रहा। जिसके लिए रोहित सर ने हर तरह से आज्ञापाल को गाइड किया।
सबसे पहले हरियाणा से की थी ज्यूडिशियल की शुरूआत
बता दें कि आज्ञापाल ने पंजाब से पहले ज्यूडिशियल की शुरूआत हरियाणा से की थी। क्योंकि साल 2021 में पंजाब ज्यूडिशियल के एग्जाम को लेकर कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ था और ऐसे में आज्ञापाल को अपना समय गंवाना नहीं था। लिहाजा उन्होंने हरियाणा से अपने ज्यूडिशियल के पढ़ाई की शुरूआत की थी। साल 2021 से लेकर साल 2022 तक आज्ञापाल ने जमकर मेहनत की। फिर साल साल 2023 में हरियाणा को छोड़कर पंजाब ज्यूडिशियल की ओर कदम बढ़ाए।
पढ़ाई को लेकर आज्ञापाल को नहीं हुई नर्वसनेस
खुद आज्ञापाल बताती हैं कि जब उन्होंने हरियाणा को छोड़कर पंजाब ज्यूडिशियल की ओर कदम बढ़ाए थे तो उन्हें पढ़ाई को लेकर ज्यादा तनाव नहीं रहा क्योंकि हरियाणा ज्यूडिशियल की पढ़ाई के समय जो सीखा वो आगे चलकर पंजाब ज्यूडिशियल की पढ़ाई के दौरान काम आया। बता दें कि आज्ञापाल ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से ज्यूडिशियल की पढ़ाई मुक्कमल की है। यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई लिखाई की।
कसिंसटेंसी को बरकरार रखना था एक चैलेंज
आज्ञापाल ने जब स्टेट बदला तो सबसे बड़ा चैलेंज उनके लिए अपनी कसिंसटेंसी को बरकरार रखना था। क्योंकि साल 2022 के बाद पूरा घटनाक्रम बदला और पढ़ाई का थोड़ा पैटर्न बदला, साथ में माहौल भी बदला। इस दौरान आज्ञापाल के मन में यही था कि अपनी पढ़ाई के साथ कसिंसटेंट रहें ओर फोकस ना टूटे। खासतौर पर अपनी आंसर राइटिंग, टाइम मैनजमेंट और स्टडीज के साथ तालमेल का होना बेहद ही जरूरी था, जिसे आज्ञापाल ने बरकरार रखा।
ज्यूडिशियल की पढ़ाई में परिवार ने की भरपूर मदद
ज्यूडिशियल की पढ़ाई में रोहित सर ने जहां आज्ञापाल को गाइड किया, तो वहीं परिवार की तरफ से भी पूरा सहयोग मिला। बहन और मामी का अनुभव आज्ञापाल की पढ़ाई में काम आया। प्रिलियम्स, मेन्स और इंटरव्यू को लेकर काफी कुछ अपने परिवार से ही जाना और सीखा। पेपर को अटेम्पट करने का तरीका और टीप्स बहन ने दिए और ये भी बताया कि आपने टाइम को एग्जाम में कैसे मैनेज करना है।
अपनी पढ़ाई और करियर के लिए फोकस रहना बेहद जरूरी- आज्ञापाल
आज्ञापाल की मानें तो अपनी पढ़ाई और करियर के लिए युवा वर्ग को फोकस रहना बेहद ही जरूरी है। करियर के लिए रास्ता चाहे जो भी चुनें वो आसान नहीं होता है लेकिन अपना हौंसला बरकरार रखना चाहिए। आज्ञापाल की माने तो पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया काफी हद तक आपका समय बर्बाद करता है। ऐसे में जरूरी है कि आप जितना हो सकें इनसे बच कर रही रहें। सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता है। करियर अगर सफल चाहिए तो फिर इसके लिए मेहनत भी जरूरी है।