(पंखिल वर्मा, चंडीगढ़ ब्यूरो हेड)
राजनीति में कई ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर देखा है और उन्हीं में से एक हैं हरियाणा के परिवहन, महिला एंव बाल विकास मंत्री असीम गोयल। 14वीं हरियाणा विधानसभा में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में चुना गया। सदन में जनहित के मुद्दे उठाने, अधिक उपस्थिति व अच्छी परफॉर्मेंस होने तथा सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए उन्हें प्रदेश के सभी 90 विधायकों में से अव्वल चुना गया था। इसके अलावा मंत्री असीम गोयल ने पत्रकारों से जुड़े मुद्दों को भी विधानसभा में कई बार उठाया है।
1996-97 के दौर में राजनीति में रखा कदम
1996-97 के दौर में राजनीति में पहले कदम रखने वाले असीम गोयल हरियाणा के गिने चुने ऐसे नेताओं में शामिल हैं जो राष्ट्रीय युवा मोर्चा की टीम के सदस्य रह चुके हैं। जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से निष्ठावान रहने वाले गोयल जम्मू कश्मीर व चंडीगढ़ के प्रभारी भी रह चुके हैं।
6 माह तक लकवा ग्रस्त स्थिति में रहे मंत्री असीम गोयल
अमरनाथ श्राइन बोर्ड यात्रा संबंधित पार्टी द्वारा किए गए विरोध में इनकी अगुवाई इस कदर थी कि इन्हें टारगेट करके पानी की बौछारें इनकी रीड की हड्डी को चोटिल कर गई। जिस कारण 6 माह तक लकवा ग्रस्त स्थिति में बेहद संकटग्रस्त जीवन का दौर इन्होंने बिताया। इस दौरान परिवार ने दादा- मामा की मृत्यु का दुख भी झेला। सभी व्यापार ठप हो गए। लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति वाले असीम गोयल फिर से खड़े होकर राजनीति में सक्रिय हुए और आज स्थिति यह है कि वह प्रदेश के प्रथम सर्वश्रेष्ठ विधायक हैं।
लगातार 2 बार चुने गए विधायक
प्रदेश उपाध्यक्ष- प्रदेश कोषाध्यक्ष और प्रदेश राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में लगातार भाजपा को मजबूत करने वाले असीम गोयल 2014 में अपने पहले विधानसभा चुनाव में ही जीत दर्ज कर विधायक बने। विधायक बन लगातार तमाम माध्यमों से जनता की सेवा में अग्रसर रहे। जनता के दिलों में अपने गहरी जगह बना चुके असीम गोयल को 2019 विधानसभा चुनाव में फिर से जनता ने अपनाया और विधायक बना विधानसभा भेजा।
संघ को समर्पित रहा है असीम गोयल का परिवार
विधायक असीम गोयल का पूरा परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहा है। उनके ताया सोहनलाल 1982 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। तब पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज जन संघ की अध्यक्ष हुआ करती थीं। असीम गोयल के चाचा प्रभु दयाल भाजपा मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
संघप्रमुख मोहन भागवत भी असीम गोयल को कर चुके हैं पुरस्कृत
कैबिनेट मंत्री असीम गोयल 1989 में जनसंघ के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो चुके थे। भारतीय जनता पार्टी में मंडल के महामंत्री से संगठन में शुरुआत करने वाले गोयल की मेहनत और निष्ठा को देखते हुए इन्हें 1 हफ्ते बाद ही मंडल अध्यक्ष और उसके एक हफ्ते बाद ही जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी संगठन द्वारा सौंप दी गई थी। असीम गोयल को 2015 में संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा पुणे में आदर्श युवा विधायक पुरस्कार से नवाजा गया।
कोरोना काल में लगाया देसी काढ़े का स्टॉल
कोरोना काल के दौरान अंबाला के किंगफिशर में सबसे बड़ा कैंप, देश का पहला ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक तथा दिन-रात देसी काड़े के स्टॉल चलाकर वह लगातार समाज सेवा में भूमिका निभाते रहे। वहीं दूसरे जनप्रतिनिधियों के लिए भी एक मॉडल के रूप में असीम गोयल नजर आए हैं। पंजाब बॉर्डर के जिला अंबाला में बड़ी आबादी प्रवासियों की होने के कारण कोरोनाकाल में असीम गोयल ने प्रवासियों के रहने, खानें-पीने तथा उन्हें घर तक पहुंचाने के इंतजाम अपने खर्चे पर किया।
देश का बेहतरीन पन्ना प्रमुख सम्मेलन आयोजित करवा चुके हैं गोयल
राष्ट्रीय संगठन की बात हो या केंद्र के वरिष्ठ मंत्रियों की असीम गोयल की कार्यशैली लगातार सबकी नजर में बेहतरीन बनी रही। देवेंद्र फडणवीस- अमित ठाकुर- अनुराग ठाकुर- धर्मेंद्र प्रधान- पुष्कर सिंह धामी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कार्य कर चुके हैं। देश में सबसे बड़े और शानदार पन्ना प्रमुख सम्मेलन के आयोजन से दिल्ली में बैठे भाजपा के वरिष्ठ नेता भी उनके कार्यों की सराहना करते हैं।
सैकड़ो जरूरतमंद बेटियों की शादी करवा चुके असीम गोयल
राजनीति के अलावा सामाजिक कार्यों में मंत्री असीम गोयल रूची रखते हैं। बता दें कि ‘मेरा आसमान’ नाम की वे एक एनजीओ भी चलाते हैं। जिसके तहत सैकड़ो गरीब बेटियों की शादी करवा चुके हैं। अपने पैतृक गांव नन्योला के रामलीला क्लब में दशहरा मेले का आयोजन इनके द्वारा करवाया गया। युवा जागरण मंच बनाकर शमशान घाट के जीणोद्धार का बीड़ा भी मंत्री असीम गोयल ने उठाया। तो वहीं महिलाओं की वैक्सीनेशन के लिए इनके द्वारा लगाए गए पिंक कैंप प्रदेशभर में चर्चा का विषय बने।