5 साल के आयोश ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग, पूरे प्रोसेस को बड़ी दिलचस्पी से देखा था। वह पेरेंट्स से इसरो जाकर लॉन्चिंग पैड देखने की जिद्द
5 साल के आयोश ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग, पूरे प्रोसेस को बड़ी दिलचस्पी से देखा था। वह पेरेंट्स से इसरो जाकर लॉन्चिंग पैड देखने की जिद्द करने लगा। इसके बाद आयांश की मां माही जायसवाल ने गणेश उत्सव पर चंद्रयान-3 की थीम को लेकर वर्किंग मॉडल तैयार किया।
लॉन्चिंग पैड, मून, विक्रम लैंडर, रोवर, किट साथ में स्थापित
गणेश जी की मूर्ति स्थापना के दिन उन्होंने लॉन्चिंग पैड, मून, विक्रम लैंडर, रोवर, किट साथ में स्थापित कर दिया। रिमोट की मदद से चंद्रयान-3 के पूरे प्रोसेस को दिखाया। लॉन्चिंग से लेकर उसका उड़ान भरना, लैंडिंग शामिल है, सब देखा जा सकता है। रकिट और विक्रम लैंडर 8 फुट की ऊंचाई तक जा सकता है चंद्रयान- 3 लैंड करते चक्त जैसे बादल बीच-बीच में आए थे, इस पूरे प्रोसेस में उसे भी दिखाया गया है। यूकेजी के स्टूडेंट आयांश रिमोट को छोड़ते ही नहीं है। जीरकपुर में वीआईपी रोड की एक सोसायटी में परिवार रहता है।
- बच्चों को चंद्रयान-3 के बारे में भी बताता है आयांश
आसपास के बच्चे प्रोजेक्ट को देखने आ रहे हैं। आयांश की मां माही ने बताया कि उनके घर में अब पूरा दिन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग और लैंडिंग चलती रहती है। यहां इसरो का पूरा ऑफिस भी बनाया गया है। बच्चे आपस में रिमोट का बटन प्रेस करने के लिए लड़ते हैं। उन्हें लगता है कि वे ही इसरो के साइंटिस्ट हैं। जिन बच्चों को चंद्रयान-3 के बारे में ज्यादा नहीं पता, आयांश खुद उन्हें रिमोट लेकर समझाते हैं कि चंद्रयान-3 कैसे लॉन्च और लैंड हुआ